आखिर क्यों इस शख्स ने लिखे राष्ट्रपति को 5000 विषयों पर पत्र ?
जीना तो है उसी का जिसने ये राज जाना है काम आदमी का औरों के काम आना
ये गाना भले ही फ़िल्मी हो लेकिन एक सार्थक जीवन के लिए बहुत बड़ी सच्चाई है। ऐसे बिरले बहुत कम होते हैँ जो औरों के दुख-दर्द को औरों की परेशानियों को अपना समझकर बाँटने का काम करते हैँ। आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू कराएँगे जिन्होंने आम लोगों की परेशानी को उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति तक के दरवाजे को खटखटा दिया है और ये एक बार नहीं दो बार नहीं बल्कि तीन हजार बार से भी ज्यादा राष्ट्रपति का दरवाजा खटखटा चुके हैँ। जी हाँ, आपने सही सुना तीन हज़ार बार राष्ट्रपति का दरवाजा अपने लिए नहीं, उन लाखों- करोड़ों लोगों के लिए जिनकी फर्याद सुनने वाला कोई नहीं होता।