अलीगढ उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में सपा की रैली में भी दिखा भारी जनसैलाब । ( योगेश पाठक के साथ इगलास अलीगढ़ की खास रिपोर्ट )

 

( अलीगढ उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में सपा की रैली में भी दिखा भारी जनसैलाब  )

अलीगढ उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय शेष रह गया है।नए साल 2022 की शुरूआत में देश के पांच राज्यों के साथ उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव होगा। उत्तर प्रदेश देश के सभी राज्‍यों में सबसे बड़ा राज्य है इसलिए यहां के चुनाव पर देशभर के सियासी दलों की खास निगाह रहती है। उत्तर प्रदेश में हर बार की तरह इस बार भी चुनावी मैदान में कई नई पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। जहां इस बार दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश आगामी विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच होगा,लेकिन चुनावी रैलियों में भाजपा,सपा ही नहीं बसपा और कांग्रेस की रैलियों में लोगों का जनसैलाब देखने को मिल रहा है।ये जनसैलाब जो रैलियों में उमड़ रहा है क्‍या ये उन पार्टियों के वोटों में तब्दील होगा।आइए जातने हैं चुनावी रैली में जनसैलाब उमड़ने के क्‍या मायने हैं बात अगर उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्‍य नेताओं की पिछले दिनों हुई सभाओं की अगर की जाए तो उसमें जबरदस्‍त जनसैलाब देखने को मिला है। चाहे वो पीएम मोदी की वाराणसी समेत अन्‍य जिलों में हुए कार्यक्रम हो या सीएम योगी की चुनावी जनसभा उसमें जबरदस्‍त जनसैलाब देखने को मिला है।जनसैलाब देखकर जहां भाजपा गदगद है,लेकिन सपा और कांग्रेस नेताओं के चुनावी कार्यक्रम में उमड़ रहा जनसैलाब को देखकर भाजपा भी अचंभित है।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले कुछ दिनों में ऊंचाहार,मैनपुरी,एटा समेत अन्‍य जगहों पर रथ यात्रा लेकर पहुंचे। सभी जगहों पर रथ यात्रा के दौरान जनसैलाब उमड़ा। जनसैलाब को देखकर जहां सपा अध्यक्ष गदगद हैं तो वहीं लोगों के मन में ये सवाल भी है कि क्‍या ये जनसैलाब वोटों में तब्दील होगा।सपा को मुख्‍य दावेदार पार्टी बताया जा रहा है और सपा ने कई पार्टियों से गठबंधन किया है तो जनसैलाब उमड़ना स्‍वाभाविक है,लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की रैली में उमड़ा जनसैलाब विपक्षी दलों को कन्‍फ्यूज करने के साथ डरा भी रहा है।

प्रियंका ने 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देने का ऐलान कर बाकी दलो के लिए टिकट बंटवारें को लेकर असमजस में डाल दिया है।अमेठी समेत अन्‍य जगहों पर प्रियंका की रैली में उमड़े जनसैलाब ने नेताओं की चिंता को बढ़ा रहे हैं,क्‍योंकि कांग्रेस को राजनीतिक दल इस चुनावी मैदान में मजबूत दावेदार ही नहीं मान रही हैं। चुनावी गतिविधियों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की इस मामले में तरह-तरह की राय है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश में योगी सरकार है तो उनकी रैली में जनसैलाब उमड़ना स्‍वाभाविक है। वहीं बात अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जाए तो उनका भाषण और उन्‍हें सामने से देखने के लिए हमेशा से जनसैलाब उमड़ता आया है।ऐसे में जनसैलाब उमड़ना आम बात है,लेकिन विपक्षी पार्टियां सपा और कांग्रेस की रैली में जनसैलाब उमड़ने का प्रमुख कारण ये है कि अभी टिकटों का बंटवारा नहीं हुआ है, ऐसे में टिकट पाने की होड़ में स्‍थानीय नेताओं के लिए अपनी पार्टी के बड़े नेता के कार्यक्रम में जनसैलाब के लिए लोगों को जुटा कर अपने वोट ताकत दिखाना होता है। उमड़ने वाला जनसैलाब वोट में तब्दील होगा या नहीं ये कहना मुश्किल है।अभी जनसैलाब में उमड़ने वाले लोग चेहरे देखने आ रहे हैं बाकी मीटिंग मैनेजमेंट है। वोटों में बदले जरूरी तो नहीं। आपको बता दें कि भाजपा की रैली में जनसैलाब उमड़ने की वजह समझ में आती है,कारण भाजपा की सरकार है लिहाजा संसाधन की कमी नहीं और सरकारी अमला भी पूरी तरह से जुटता है। वहीं सपा और यहां तक कि कांग्रेस की रैली में उमड़ने वाला जनसैलाब अचंभित करने का अहम संकेत हैं। विपक्षी पार्टियों की रैली में जनसैलाब से साफ लगता है कि जनता में मौजूदा सरकार, सिस्टम व नेतृत्व से नाराजगी है और वो विरोध की आवाज सुनना चाहती है।अभी कह नहीं सकते हैं कि जनता ने विकल्प तलाश लिया है पर इतना जरूर है कि वो विकल्प की तलाश में है।

 

( योगेश कुमार पाठक की खास रिपोर्ट )

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