उत्तर प्रदेश औरैया मिशन शक्ति अभियान के तहत जिलाशासकीय अधिवक्ता दंड व औरैया पुलिस द्वारा महिला सम्बन्धी अपराध वर्ष 2021 में अपराधियों को सजा दिलाने में निभाई गई सक्रियता का परिणाम। ( पंकज सिंह राणावत की खास रिपोर्ट )

( औरैया मिशन शक्ति अभियान के तहत जिलाशासकीय अधिवक्ता दंड व औरैया पुलिस द्वारा महिला सम्बन्धी अपराध वर्ष 2021 में अपराधियों को सजा दिलाने में निभाई गई सक्रियता का परिणाम )
उत्तर प्र देश औरैया पुलिस अधीक्षक के साथ मिशन शक्ति अभियान के तहत अभिषेक कुमार मिश्रा जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा वर्ष 2021 में 06 अभियोगों में कुल 07 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा, 07 अभियोगों में 07 अभियुक्तों को 10 वर्ष या अधिक का कारावास, 12 अभियोगों में कुल 15 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम का कारावास का दण्डादेश किया गया । इस समयावधि अवधि में 207 महिलाएं एवं बालिकाओं से संबंधित अभियोग में कुल 264 अभियुक्तों की जमानत निरस्त कराई गई, जिससे समाज में न्याय व्यवस्था के प्रति एक अच्छा संदेश गया एवं अपराधियों में भी यह संदेश गया कि अगर इस प्रकार का महिला एवं बच्चियों के साथ कोई अपराध कारित किया जाता है तो प्रशासन द्वारा उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी । इस मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत सभी पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों एवं अभियोजन द्वारा अच्छा प्रदर्शन किया गया जिसके लिए यह सभी लोग बधाई के पात्र हैं ।उत्तर प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना जिसका प्रमुख उद्देश्य महिला सम्मान, महिला सशक्तिकरण, महिला सुरक्षा एवं महिला स्वाबलंवन को बढ़ावा देना है। प्रथम चरण अक्टूबर 2020 द्वितीय चरण मार्च 2021 तथा तृतीय चरण अगस्त 2021 में शुरू किया गया जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में समस्त पुलिस विभाग का मुख्य ध्येय महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों में कमी लाना तथा महिला सुरक्षा के मामलों में प्राथमिकता देने का है जिससे कि एक ऐसे समाज में संरचना हो जिसमें सभी महिलाएं एवं किशोरियों एवं बच्चे बिना किसी डर भय व दबाव के अपने घर से निकल सके तथा अपने सपनों को पूरा कर सके । माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुपालन में जनपद औरैया के समस्त पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को यह स्पष्ट तौर पर निर्देशित किया गया है कि महिला सुरक्षा में किसी तरह की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी । यदि किसी महिला/बालिका/बच्चों के विरुद्ध कोई अपराध घटित होता है तो ऐसे मामलों की प्राथमिकता के आधार पर त्वरित विवेचना की जाए एवं कम से कम समय में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किए जाएं एवं विचारण के दौरान भी या निर्देश दिए गए हैं कि महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध अपराधों में बिना किसी देरी के साक्षी न्यायालय में उपस्थित हो बिना किसी डर, भय व दबाव के अपने साथ अंकित कराये । यदि कोई साथी ऐसा कोई प्रार्थना पत्र देता है या ऐसा प्रतीत होता है कि साक्षी या उसके घर वालों को अभियुक्त या उसके घर वालों से जान का खतरा है या उस पर किसी प्रकार का दबाव बनाया जा रहा है तो तत्काल उस साक्षी को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित विधि व्यवस्था के अनुरूप विटनिस प्रोटेक्शन स्कीम के अंतर्गत उचित सुरक्षा प्रदान की जाये।
( पंकज सिंह राणावत की खास रिपोर्ट )