अलवर जयपुर रोड पर उज्जैन के बाबा भृतुहरि महाराज के मेले के अवसर पर विशाल भंडारे का किया गया आयोजन। ( अनिल गुप्ता की खास रिपोर्ट )

 

( जयपुर रोड पर उज्जैन के बाबा भृतुहरि महाराज के मेले के अवसर पर विशाल भंडारे का किया गया आयोजन )

अलवर लोक देवता बाबा भर्तृहरि महाराज के लख्खी मेले के अवसर पर प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारतीय जोगी नाथ समाज समिति द्वारा अलवर जयपुर सड़क मार्ग पर स्थित नटनी का बारा के समीप विशाल भंडारे व शीतल जल प्याऊ का आयोजन किया गया।
जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। क्षृद्वालु अनिल योगी ने बताया कि भंडारे में नाथ समाज के सैकड़ों युवाओं ने सुबह से शाम तक अपनी सेवाएं दी। सरिस्का के जंगलों में बना है भर्तृहरि धाम अलवर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर अलवर- जयपुर मार्ग स्थित सरिस्का वन क्षेत्र में भर्तृहरि धाम मंदिर स्थापित है।यह धाम अलवर जिला ही नहीं,बल्कि देश भर के लोगों की आस्था का केंद्र माना जाता है. मान्यता है कि भर्तृहरिधाम मंदिर सैंकड़ों वर्ष पुराना है।मंदिर के महंत कल्लूराम ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार उज्जैन के महाराजा भर्तृहरि ने वैराग्य धारण कर अलवर की इस तपोभूमि पर समाधि ली थी। उनकी यही समाधि स्थल भर्तृहरि धाम के नाम से विख्यात है. यहां योगीराज भर्तृहरि का समाधि स्थल पारंपरिक राजस्थानी शैली में बना है।यह मंदिर नाथ संप्रदाय से जुड़ा है।इसके कारण नाथ संप्रदाय के साधु संत यहां दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं।

( अनिल गुप्ता की खास रिपोर्ट )

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