मथुरा बृजराजधाम भजन उत्सव पर पहुंचे अनूप जलोटा श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब कहा काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है,राम खड़े हैं धनुष लिए अब मथुरा की बारी है। ( मथुराआचार्य गौरव कृष्ण गोस्वामी की खास रिपोर्ट  )

( बाइट- योगेश नोहवार विधान परिषद सदस्य/विधायक भाजपा )

 

( बाइट-भजन सम्राट अनूप जलोटा )

( बृजराजधाम भजन उत्सव पर पहुंचे अनूप जलोटा श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब कहा काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है,राम खड़े हैं धनुष लिए अब मथुरा की बारी है )

मथुरा ब्रजरज उत्सव में भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कहा काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है, राम खड़े हैं लिए धनुष अब बंशी बजने वाली है इस भजन से ब्रजवासियों मंत्रमुग्ध कर दिया। यहाँ उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद,केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में परम्परागत रूप से ब्रजरज उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। ब्रजरज उत्सव अब अंतिम दौर में यहां बीती रात्रि भजन सम्राट अनूप जलोटा ने अपनी आवाज की मधुरता से ब्रजवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भजन सम्राट अनूप जलोटा की भजन प्रस्तुतियों पर भक्ति संगीत की रसधार बही। भजन संध्या की शुरुआत काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है, राम खड़े हैं लिए धनुष अब बंशी बजने वाली है बोलो राम राम राम बोलो राम से हुई। इसके बाद भजन सम्राट के संगीतमय भजनों के स्वर पंडाल में भक्ति का रस घुलने लगे। दुनियां चले ना श्रीराम के बिना, राम ना चलें हनुमान के बिना, अच्युतम केशवम राम नारायनम, मेरी झोपड़ी के भाग्य आज खुल जाएंगे राम आएंगे, ऐसे लागी लगन मीरा हो गई मगन जैसे भजनों से उन्होंने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया तो लोग उनके साथ गुनगुनाने लगे। पद्मश्री अनूप जलोटा ने गोविंद जय जय गोपाल जय जय, प्रभु जी तुम चंदन हम पानी, जग में सुंदर हैं दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम, श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम, कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पडे़।आदि भजनों से भावविभोर कर दिया। भजन सम्राट के संगीतमय भजनों को सुनकर पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस दौरान सह कलाकारों ने भी भजन सम्राट के स्वर से स्वर मिलाए। इस तरह भगवान श्रीकृष्ण को भूमि पर ब्रजरज उत्सव में सजी भजनों की महफिल शहर के सांस्कृतिक इतिहास को और मजबूत कर गई। भजन सम्राट अनूप जलोटा ने इस शाम को यादगार बना दिया। यहाँ कलाकारो ने ब्रज संस्कृति की छाप छोड़ी। कान्हा अकादमी के कलाकारों ने गायन-वादन-नृत्य प्रस्तुत किया। इसमें ओडीसी नृत्य शैली अच्युतम केशवम – राधा कृष्ण नृत्य शानदान रहा। इंदू गुप्ता गोरखपुर ने भक्ति संगीत और योगेश कुमार शर्मा ने ब्रज के भाव गीत प्रस्तुति किए। संचालन – आँचल यादव ने किया।
नोट-बाइट-भजन सम्राट अनूप जलोटा की है।

( मथुराआचार्य गौरव कृष्ण गोस्वामी की खास रिपोर्ट  )

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