मेरठ शामली एनकाउंटर में शहीद हुए यूपी एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार पंचतत्व में हुए विलीन लोगों ने नम आंखों के साथ दी अंतिम विदाई । ( धन्नजय सिंह की खास रिपोर्ट )

( एनकाउंटर में शहीद हुए यूपी एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार पंचतत्व में हुए विलीन लोगों ने नम आंखों के साथ दी अंतिम विदाई )
मेरठ शामली एनकाउंटर में शहीद हुए यूपी एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार आज पंचतत्व में विलीन हो गए।गुरुवार सुबह मेदांता अस्पताल से 54 वर्षीय सुनील कुमार का पार्थिव शरीर सबसे पहले मेरठ पुलिस लाइन लाया गया,जहां विभाग द्वारा उन्हें सलामी दी गई।इसके बाद सुनील कुमार का पार्थिव शरीर मसूरी गांव लाया गया,जहां उनके बेटे मंजीत ने उनको मुखाग्नि दी।मेरठ सांसद अरूण गोविल भी शहीद सुनील कुमार के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। सुनील कुमार के अंतिम संस्कार में लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा था।लोगों ने नम आंखों के साथ सुनील कुमार को अतिम विदाई दी।सभी सुनील कुमार की शहादत को सलाम कर रहे थे,जिस तरीके से सुनील कुमार ने शामली मुठभेड़ में चार बदमाशों को ढेर किया वो उनके शौर्य को दिखाता है। बता दें कि बीते सोमवार की मध्यरात्रि शामली में झिंझाना में आमने-सामने एसटीएफ और बदमाशों की मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील कुमार को तीन गोलियां लगीं और वो गंभीर रूप से घायल हो गए।सुनील कुमार को गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था,जहां बुधवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।सुनील कुमार के पेट में तीन गोलियां लगी थीं। सुनील कुमार 1990 में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। 1997 में कमांडो कोर्स किया। 2009 में सुनील कुमार को यूपी एसटीएफ में शामिल किया गया।इसके बाद से लेकर अब तक सुनील कुमार ने कई बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था।एसटीएफ में शामिल होने से पहले 2008 में फतेहपुर में एनकांउटर में सुनील कुमार ने बदमाश ओम प्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराया था। 2008 में ही पांच लाख का इनामी अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया के एनकाउंटर में भी सुनीन कुमार शामिल थे। 2013 में डॉन सुशील मूंछ, बदन सिंह बद्दो, भूपेन्द्र बाफर की गिरफ्तारी में भी सुनील कुमार शामिल रहे।अपने पूरे सेवाकाल में जाबांज सुनील कुमार बदमाशों से ही लोहा लेते रहे। इस बार हुई मुठभेड़ में नियती को कुछ और ही मंजूर था। मुठभेड़ के दौरान बदमाशों ने सुनील कुमार पर कारबाइन, विदेशी पिस्टल और देसी राइफल से ताबड़तोड़ फायर झौंके, तीन गोलियां सुनील कुमार के पेट में लगी।बावजूद इसके सुनील कुमार ने एके 47 से कंग्गा गैंग का सरगना एक लाख का इनामी बदमाश अरशद सहित चारो बदमाशों को मार गिराया। शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार के अदम्य साहस को आज न केवल पुलिस महकमा बल्कि देश के लोग सलाम कर रहे हैं,क्योंकि सरहद पर शहीद होने वाले सैनिकों की वीरगाथा तो हर कोई जानता है मगर ऐसे मौके कम आते हैं जब एक पुलिस जवान देश के भीतर बदमाशों से लोहा लेते हुए ऐसे अदम्य साहस के साथ वीरगति को प्राप्त होता है।
( धन्नजय सिंह की खास रिपोर्ट )