राजस्थान अलवर राजगढ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सीएमएचओ ने किया औचक निरीक्षण चिकित्सकों की अनुपस्थिति में जताई नाराजगी। ( अनिल गुप्ता की खास रिपोर्ट अलवर )

( बाइट-योगेंद्र शर्मा, सीएमएचओ,अलवर )

( राजगढ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सीएमएचओ ने किया औचक निरीक्षण चिकित्सकों की अनुपस्थिति में जताई नाराजगी )

राजगढ़ अलवर जिले के सीएमएचओ योगेंद्र शर्मा राजगढ़ पहुंचे। जहां उन्होंने निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने चिकित्सको की एक बैठक ली। बैठक में चिकित्सकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीएमएचओ योगेंद्र शर्मा ने बताया कि राजगढ़ सीएचसी में चिकित्सक काफी है। आज चिकित्सको की बैठक ली। बैठक का मुख्य उद्देश्य यही है कि इमरजेंसी होती है। जिसमे चिकित्सक नही मिल पाते है। जिसको लेकर बैठक में निर्देश दिए है कि रोस्टर इस तरीके से बनाया जाए की एक व्यक्ति मौजूद रहे और जो भी मरीज आये जो अटेंड हो जाये। उसके बाद सम्बंधित विशेषज्ञ को बुलाकर दिखवाया जाए। किसी भी तरीके से मरीज को ये नही कहा जाए कि क्वाटर पर जाकर दिखाए। उन्होंने बताया की ईमरजेंसी में इंजेक्शन ही मिलते है दवाइयां नही मिलती है। इसको लेकर प्रभारी को निर्देश दे दिए है की इमरजेंसी में दवाइयां ईशु करदे। इसके अलावा सीएमएचओ ने एक निजी लैब व मेडिकल स्टोर की जांच की गई। एक लैब में कोई व्यक्ति नही मिला था। किसी महिला चिकित्सक का उसमे रजिस्ट्रेशन टका हुआ मिला। लैब के पास के कमरों में कोई मौजूद नही मिला। मेडिकल स्टोर पर ये मिला कि बिना किसी चिकित्सा परामर्श के ही मरीजो को दवाइयां दे रहे थे तो उनको समझाया गया है। इसके लिए ड्रग औषधि के अधिकारियों को अवगत करवाऊंगा। सोनोग्राफी को लेकर उन्होंने बताया कि इस महीने में कुल 35 सोनोग्राफी हुई है।जोकि काफी कम है। इसको लेकर कहा गया है की प्रतिदिन करीब 10-20 सोनोग्राफी होनी चाहिए। राजगढ़ में गायनी की सोनोग्राफी के लिए दो चिकित्सक है। वही उन्होंने राजगढ़ में दो सोनोग्राफी सेंटरो को लेकर कहा कि मरीज शाम को तीन बजे बाद आते है। अगले दिन सुबह सोनोग्राफी करवाने का इंतजार नही करता है। दूसरा सीएचसी में जो दो सोनोग्राफी वाले चिकित्सक है वो महिला गर्भवती है। उन्ही की सोनोग्राफी कर सकते है। अन्य किसी मरीज की नही करते है क्योंकि हमारे पास सोनोलॉजिस्ट उपलब्ध नही है। गौरतलब रहे कि अस्पताल समय पर कुछ चिकित्सकों की अधिकतर सीटें खाली पडी रहती और चिकित्सक इधर उधर घूमने के अलावा आवासों पर बैठ कर रोगियों से फीस वसूली कर देखते रहते हैं।

( अनिल गुप्ता की खास रिपोर्ट अलवर )

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